Friday 25 August 2017

सवाई माधोपुर के पास बनास नदी में बजरी की अंधाधुंध खनन एवं उसके दुष्परिणाम।

rpmwu114
24.08.2017

दिनांक 19 अगस्त 2017 को मैं सवाई माधोपुर गया था। वहां देखा कि बनास की बजरी रेलवे के वैगनस् में लोड होकर लखनऊ के पास मोहनलालगंज भेजी जा रही है। लोगों से चर्चा की तो पता लगा कि प्रतिदिन हजारों ट्रक बजरी सवाई माधोपुर के पास स्थित बनास नदी से मैकेनाइज्ड तरीके से खनन एवं लोडिंग के पश्चात यूपी, दिल्ली, हरियाणा व अन्य स्थानों पर भेजी जा रही है। लोगों ने यह भी बताया कि यह खनन बड़े स्तर पर एक ही कम्पनी के तहत की जा रही है एवं इसमें क्षेत्र व प्रदेश के बड़े नेताओं व अन्य बडे़ लोगों का सहयोग या हिस्सेदारी है। इनके प्रभाव के कारण प्रशासन भी बिलकुल मौन रहता है।
इतने व्यापक स्तर पर खनन होने से निम्नलिखित हानि है-
1. एक बड़ी फर्म या कम्पनी व उसके साझादारों को ही लाभ, सामान्य व्यक्तियों को कोई लाभ नहीं।
2. खनन व लोडिंग के कार्य मैकेनाइज्ड होने के कारण लोकल मजदूरों को कोई रोजगार मुहैया नहीं।
3. बजरी बनने की प्रक्रिया में हजारों साल लगते हैं और अब बारिश भी कम हो रही है जिसके कारण आने वाले समय में क्षेत्र में बजरी की मात्रा बहुत कम हो जाएगी और बजरी की उपलब्धता भयंकर रूप से घट जायेगी और आसपास के लोगों को बजरी बहुत महंगी दर पर मिलेगी या हो सकता है कि बाहर से लानी पड़े।
4.भारी खनन से पर्यावरण व इकोलॉजी पर कुप्रभाव।
5. सरकार को भी रायल्टी के रूप में बहुत कम राशि की प्राप्ति हो रही है जबकि खनन करने वाली कंपनी बहुत बड़ा लाभ कमा रही है।
आवश्यकता है कि इस प्रकार हो रही भयंकर खनन को रोकने के लिए संयुक्त रुप से प्रयत्न किए जाएं। देखा जाए कि लीज़ दस्तावेज में क्या-क्या शर्ते है? क्या उनकी अनुपालना हो रही है? तथा सरकार को बजरी की वास्तविक कीमत की तुलना में क्या प्राप्त हो रहा है?
बजरी खनन एक ऐसा कार्य है जिसे हर कोई व्यक्ति कर सकता है और सरकार यदि चाहे तो कई सारे व्यक्तियों को छोटे-छोटे खनन का पट्टा देकर उन्हें व्यवसाय मुहैया करवा सकती है तथा लोकल लोगों को भी रोजगार की संभावना बढ़ा सकती है। और कम से कम लीज़ राशि पर्याप्त हो ताकि सरकार के राजस्व में बढ़ोत्तरी हो सके और आने वाली धनराशि विकास के कार्यों में तो खर्च हो सके।
आप सभी के पास उपलब्ध जानकारियां एवं सुझाव साझा करें। यदि किसी के पास लीज के पेपर्स हो तो उपलब्ध करवाये या आरटीआई के माध्यम प्राप्त करने की कोशिश करे।
रघुवीर प्रसाद मीना

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