Sunday 1 April 2018

देश की न्याय व्यवस्था में सुधार की सख्त व महत्ति आवश्यकता है।

rpmwu125
01.04.2018

हमारे देश में जातिप्रथा का प्रचलन आदिकाल से उच्च वर्ग कहे जाने वाले लोगों की स्वार्थ सिद्धी के कारण चला आ रहा है। देश में अधिकतर लोगों का इस संदर्भ में दौहरा चरित्र (hypocrisy) है । सामान्यत : हर व्यक्ति कहता है कि जातिवाद करना गलत है परन्तु जब जाती के आधार पर दिये गये आरक्षण व अन्य कानूनी प्रावधानों की बात आती है तो ऊँची कही जाने वाली जातियों के कई लोग इनका विरोध करते है एवं दूसरी ओर वे अंतर्जातिय विवाह इत्यादि की घोर खिलाफत भी करते है। ऐसे लोग उनके बच्चो की शादी दलित परिवारों में कदापी नहीं करते है एवं वे उनके अगले जीवन में दलित के घर जन्म लेने की सम्भावना तक से सहम जाते है।
देश की न्यायपालिका पर ऊँची कही जाने वाली जातियों के व्यक्तियों का ही कब्जा है एवं वे ही  आरक्षण व संविधान प्रदत्त अन्य प्रावधानों को कमजोर करते रहते है। उदाहरणार्थ -
1) नई भर्ती में न्यूनतम आरक्षण को अधिकतम सीमा (minimum representation को maximum limit या restriction) में बदल देने की कोशिश।
2) पदोन्नति में आरक्षण पर रोक।
3) SC/ST Act के प्रावधानों को कमजोर करने का निर्णय।
उच्च न्यायापालिका द्वारा उक्त बिषयों पर दिये गये अनेकों निर्णय इस बात के प्रमाण है कि देश की न्याय व्यवस्था में नकारात्मक जातिवाद की भरमार है एवं  निर्णय आरक्षित वर्ग के प्रतिकूल लिए जाते है।
वर्तमान व्यवस्था, न्यायपालिका में भर्ती के तरीके में बदलाव नहीं करने देना चाहती हैं। उच्च न्यायापालिका में चुनिंदा जातियों व परिवारों का ही बोलबाला रहा है।
दिनांक 02.04.2018 को होने वाले विरोध प्रदर्शन में पूरजोर माँग रखी जाये कि उच्च न्यायपालिका के चयन हेतु अख्तियार किये जा रहे वर्तमान सिस्टम को बदला जाये ताकि न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता व ईमानदारी आ सके।
हमें भारतीय प्रशासनिक सेवा की तर्ज पर उच्च न्यायपालिका में होने वाली भर्ती के तरीके को बदलवाने की जरूरत है ताकि उच्च व उच्चतम न्यायालयों में निष्पक्ष व बिना जातिवाद के वायरस से संक्रमित लोग पहुंचे जिससे लम्बी अवधि में वंचित व पिछड़ी जातियों के लोगो के हकों की रक्षा हो सके।
इस बिषय पर माननिय लोकसभा सांसद दौसा श्री हरीश चंद्र मीना द्वारा संसद में रखे गये पक्ष का विडियो नीचे लिंक में है, कृपया देखे व प्रण करे कि जब तक माँग पूरी नहीं हो जाती है हम लगातार संघर्षरत रहेगें।
https://youtu.be/T7e0Y29Ueik
रघुवीर प्रसाद मीना

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