rpmwu130
26.08.2018
रक्षाबंधन के पावन अवसर पर आप सभी को मेरी ओर से बहुत-बहुत शुभकामनाएं एवं बधाई।
आओ इस अवसर पर प्रण की हम बहिनों की रक्षा के साथ साथ सभी महिलाओं के प्रति और अधिक संवेदनशीलता बने एवं जीवन के हर पहलू में सोच समझकर प्रयत्न करे कि उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचे। यदि कोई व्यक्ति या संस्था लड़कियों या महिलाओं के साथ दूराचार करते हो तो उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करवाई जाये।
स्वयं समझे और लोगो को समझाये कि गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग परीक्षण नहीं करवायें। लड़कियों को लड़को की भाँति ही बिना भेदभाव के पाले, पोषे व शिक्षा प्रदान करवाये।
महिलाओं के शरीर की संरचना पुरुष के शरीर की तुलना में बहुत ही पेचीदा होती है। उनके शरीर में एक प्रकार से मानव जीवन की उत्पत्ति हेतु सम्पूर्ण फैक्ट्री है। प्रतिमाह बहुत सारे ब्लड लॅास के साथ उनका मूड़ भी उन दिनों अच्छा नहीं रहता है। गर्भ धारण से बच्चे को जन्म देने की प्रक्रिया बहुत ही जिम्मेदारीपूर्ण है। बच्चों के पालन पोषण की अघिकतर जिम्मेदारी महिलाएं ही उठाती है।
हम में से किसी का भी इस दुनिया में अस्तित्व बिना माँ के सम्भव नहीं हो सकता था। बहनों का भी हमारे जीवन में अमूल्य योगदान रहता है। पत्नि के बिना हर व्यक्ति अधूरा है। बेटियाँ जिन्दगी को जीवंत व दूसरी महिलाओं के प्रति हमारे व्यवहार को संयमित व करूणामय बनाती है।
आओ हम पुन: प्रण ले कि जीवन में हर महिला के प्रति और अधिक संवेदनशील व जिम्मेदार बने।
रघुवीर प्रसाद मीना