Saturday, 3 November 2018

राम मंदिर पर अचानक मिडिया अटेंशन व बेवजह बहस।

rpmwu148
03.11.2018

राम मंदिर पर जोरदार बहस व मिडिया अटेंशन आजकल पुन: प्रारंभ हो गया है। देश के साधारण नागरिक को राम मंदिर बनने या नहीं बनने से बहुत अधिक फर्क नहीं पड़ता है। परंतु जो लोग राजनीतिज्ञ है उनमें से कुछ मंदिर निर्माण की बात का फायदा उठाना चाहते हैं और अयोध्या में मंदिर निर्माण की बात को राजनीति से प्रेरित कर लोगों में हिंदुत्व के नाम पर यूनिटी बनाना चाहते हैं ताकि चुनाव में उनको लाभ हो सके।
मंदिर निर्माण पर इतना ज्यादा मीडिया का समय व महत्व तथा लोगों का ध्यान न्यायोचित नहीं है। यदि देश के नागरिक मंदिर की बात को छोड़ कर सम्पूर्ण देश के महत्वपूर्ण मुद्दे जैसे अशिक्षा, गरीबों की दशा, पीने के पानी की समस्या, चलने योग्य सड़को का अभाव, बिजली की आपूर्ति, सिंचाई व्यवस्था, किसानों का ऋण, मजदूरों को न्यूनतम वेतन नहीं मिलना, रू. का अवमूल्यन, डीजल/पेट्रोल की बढ़ी हुई कीमतें, बेरोजगारी, अंधविश्वास, जातिवाद व धर्म के दंश इत्यादि इत्यादि बेसिक चीजों पर ध्यान दें तो देश के लोगों की दशा में बहुत जल्दी अधिक सुधार हो सकता है।
हिन्दूओं के लिए राम मंदिर बनवाने के पीछे पागल होना धार्मिक अंधविश्वास के प्रदूषण (DAP) का असर है। वास्तव में जो हिन्दू धर्म के प्रति समर्पित है उन्हें चाहिए कि DAP को कम करवायें, देश में  धार्मिक आधार पर जो कट्टरता पनपती जा रही है उसे कम करवाएं और धर्म के नाम पर दलितों को लगातार तंग किए जाने के प्रकरण को रुकवाएं।
मुसलमानों के नेताओं व धर्म गुरुओं की सोच में समझदारी की कमी झलकती है, वे अनावश्यक मंदिर निर्माण के स्थान को तूल दे रहे है। जब देश की मेजॉरिटी जो कि हिंदू है और यह मानती है कि उनके भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या में उस विशेष स्थान पर हुआ था तो मुसलमानों को मंदिर बनाने देने में किसी प्रकार की आपत्ति नहीं करनी चाहिए। यदि उस स्थान पर मस्जिद रही भी है तो सबको पता है कि देश में 1000 ईसवीं के बाद ही मस्जिदें बनी है जबकि भगवान राम का जन्म मस्जिदें बनने से बहुत कहीं पहले का है। मुसलमानों को समझदारी दिखाते हुए खुशी से उस स्थान को  राम मंदिर  बनाने के लिए  छोड़ देना चाहिए और  मस्जिद दूसरे स्थान पर  बनाई जा सकती है। यदि मुसलमान ऐसा करते हैं तो उनके लोगों के हित के लिए यह बहुत  बड़ी बात होगी। मुसलमानों को उनके लोगों के पिछड़ेपन, अशिक्षा, गरीबी  व अंधविश्वास को दूर करने की ओर बहुत ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्हें अपने लोगों का ध्यान इन चीजों पर आकर्षित करवाना चाहिए ना कि मंदिर और मस्जिद की लड़ाई में।
रघुवीर प्रसाद मीना

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