रोटी के साथ कपड़ा, घर, बिजली, घर में आने वाला पानी, टीवी, मोबाइल, चश्मा, किताबें, पेन, व्हीकल, दवाईयां व वैक्सीनस्, रेल, रोड, हवाईजहाज़, जुते, घर के उपकरण व मशीनें इत्यादि और जिसके बारे में आप सोचे उसे बनाने के पीछे बहुत मेहनत, रिसर्च व समय लगा हुआ है। हम इनको आसानी से उपयोग में लेते है।
उपरोक्तनुसार हम सभी, बहुत सारे दूसरे लोगों के ऋणी है। अतः हमें दूसरों के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए एवं हमें स्वयं भी दूसरों के जीवन को बेहतर व सुलभ बनाने के लिये सार्थक काम करने चाहिए।
सादर
Raghuveer Prasad Meena
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