rpmwu227
16.05.2019
समस्या की जड़ पर प्रहार करना होगा- जनहित के लिए राज्य में बननी चाहिये ट्रांसफर पोस्टिंग हेतु निति।
थानागाजी जैसी महा निंदनीय घटनाओं को रोकने, पुलिस, स्कूलों, अस्पतालों व सरकार के अन्य विभागों की कार्यशैली को सुधारने के लिए राज्य में सरकारी कर्मचारियों के लिए ट्रांसफर व पोस्टिंग हेतु नीति बननी चाहिए ताकि राजनेताओं का ट्रांसफर व पोस्टिंगस् में ज्यादा रोल नहीं रहे।
आज थानों, अस्पताल, स्कूल या अन्य किसी भी विभाग में राजनेताओं की डिजायर के अनुसार ही सरकारी कर्मचारियों की पोस्टिंग होती है। तो स्वभाविक है कि ऐसे पदस्थ कर्मचारी सरकार या जनता की अपेक्षा राजनेता के प्रति ज्यादा वफादार रहते है। ऐसे में राजनेताओं के समर्थकों के प्रति भी उन्हें नरम रूख अपनाना पड़ता है। राजनेता वोटों की लालच में जो लोग गलत करते हैं उन्हें झेलते रहते हैं और पुलिस भी राजनेता से ऐसे लोग के सम्बंधों की वजह से उनके प्रति सख्त नहीं हो पाती है।
थानागाजी में जो घटना हुई यह घटना अपराधियों की कोई पहली घटना नहीं लगती है। यह तो पाप का घड़ा फूटा है। घटना क्रम को देखकर लगता है कि उन लोगों ने पहले भी कई बार ऐसे पाप किए हैं और उस क्षेत्र में इस प्रकार के पाप घटित होते आ रहे हैं। दुष्साहस देखिये दिनदहाड़े सामूहिक रेप किया जाता है, उसका वीडियो बनाया जाता है और ब्लैकमेल करने के लिए उनसे पैसे मांगे जाते हैं। ऐसी घटनाएं लंबे समय से पुलिस द्वारा उनको नजरअंदाज करने का नतीजा है कि दोषी व्यक्तियों के हौसले इतने बुलंद हो जाए।
पुलिस राजनेताओं के समर्थकों पर इसलिए कड़ी कार्रवाई नहीं करती है क्योंकि उनकी पोस्टिंग राजनेता करवाता है। अस्पतालों व स्कूल की दुर्दशा हो रही है, स्टाफ समझते हैं कि उनकी पोस्ट राजनेता ने करवाई है तो दूसरा व्यक्ति उनका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता है।
सरकार को चाहिए की ट्रांसफर पोस्टिंग हेतु केन्द्र के विभागों के अनुरूप नीति बनायें। यदि राजनेताओं को पावर भी देनी हो तो वर्ष में 10 से 20 ट्रांसफर पोस्टिंग प्राथमिकता पर नेमनोटिंग इग्नोर करने की पावर दी जा सकती है।
ट्रांसफर पोस्टिंग नीति के अनुसार ही होने चाहिए। ऐसा करने से कर्मचारी #सरकार के #कर्मचारी की भावना से काम करेगें ना कि राजनेता के कर्मचारी की तरह। ऐसा करने से पुलिस, अस्पताल, स्कूल व अन्य सरकारी महकमों की कार्यशैली में अवश्य ही सुधार होगा।
रघुवीर प्रसाद मीना