Thursday 21 October 2021

सही व्यक्ति : गलत व्यक्ति (RIGHT PERSON : WRONG PERSON)

rpmwu432 dt. 21.10.2021

सामान्यतः व्यक्तियों को धर्म, जाति, समुदाय व रेस इत्यादि के आधार पर विभक्त किया जाता है। जोकि सर्वदा सही नहीं है। क्योंकि किसी भी धर्म, जाति, समुदाय व रेस के सभी व्यक्ति एवं उनकी विचारधारा एक समान नहीं होती है। कुछ लोग स्वयं के धर्म, जाति, समुदाय व रेस के प्रति बहुत कट्टर होते है एवं दूसरे धर्म, जाति, समुदाय व रेस के लोगों को अच्छा नहीं मानते या कुछ लोग तो उन्हें खराब ही मानते है। जबकि अनेक लोग ऐसे भी होते है जो दूसरे धर्म, जाति, समुदाय व रेस के लोगों को सम्मान की नजर से देखते है और उनके प्रति अच्छा भाव रखते है। 

वास्तव में यदि मनुष्यों का विभक्तिकरण किया जाए तो वह दो ही प्रकार के है सही सोच वाले व्यक्ति (PERSONS HAVING RIGHT THINKING) अथवा गलत सोच वाले व्यक्ति (PERSONS HAVING WRONG THINKING)।

सभी को समझना चाहिए कि व्यक्ति विशेष की सोच व विचारधारा (सॉफ्टवेयर) उसके बचपन के पालन पोषण एवं आसपास के वातावरण के अनुसार ही विकसित होती है। जो जैसी परिस्थितियों एवं धर्म, जाति, समुदाय या रेस में पैदा होता है और बड़ा होता है, तदनुसार ही उसकी सोच विकसित हो जाती है। यदि पैदा होते वक्त अस्पताल में बच्चे एक दूसरे से धर्म के आधार पर बदल जाये तो बड़े होने पर उनकी सोच व विचारधारा (सोफ्टवेयर) उनके वास्तविक माँ बाप जैसी नहीं होकर पालन पोषण करने वाले माँ बाप व आसपास के वातावरण और माहौल के अनुसार होगी। बचपन के माहौल व वातावरण के ऊपर व्यक्ति का नियंत्रण लगभग नगण्य होता है। परन्तु बड़े होने पर हर मनुष्य यदि चाहे तो सही समझ विकसित कर सकता है। विचार कर सकता है कि क्या सही है क्या गलत है? सरकार ने वोट देने की आयु 18 वर्ष इसीलिए निर्धारित की हुई है ताकि व्यक्ति सही गलत में फर्क कर सके। 

जो व्यक्ति बड़े होने पर भी सही व गलत में अन्तर नहीं करते है वे लोग या तो मंदबुद्धि होते है या स्वार्थी।

वृहद् रूप में सही व्यक्ति व गलत व्यक्ति की निम्नलिखित परिभाषा हो सकती है  : 

सही व्यक्ति : स्वयं की मान्यताओं के साथ दूसरों की भावनाओं व मान्यताओं का आदर करेेंं। स्वयं के साथ दूूूसरों के कल्याण व सुख शांति की कामना करेें। धर्म, जाति, समुदाय या रेस के आधार पर भेदभाव नहीं करेें। वैज्ञानिक सोच विकसित कर, स्वयं को योग्य बनाये व योग्यता का जनहित में उपयोग करें।

गलत व्यक्ति : धार्मिक रूप से कट्टर हो, धर्म की बातों पर दूसरों को क्षति पहुँचाने में उतारू हो। धर्म, जाति, समुदाय या रेस के आधार पर अपने आप को ऊँचा समझता हो व दूसरों के साथ भेदभाव करेें। रूढ़िवादी दकियानूसी सोच रखता हो। स्वार्थ के लिए जनहित या दूसरों का नुकसान करने की मंशा रखता हो। दूसरों की बिना परवाह किये, स्वयं के कल्याण की ही सोचता हो। 

निर्धारण सभी को स्वयं को ही करना है कि वह सही व्यक्ति है अथवा गलत। यदि गलत है तो अपनी सॉफ्टवेयर को ठीक करके उचित राह पर चलकर सही व्यक्ति बनें। 


सादर 
रघुवीर प्रसाद मीना 










1 comment:

  1. सर, आपके द्वारा प्रस्तुत किया गया लेख बहुत ही प्रसंशनीय और विचारणीय है जिस हर व्यक्ति को मनन करना चाहिए l आपका लेख एक बेहतर समाज बनाने में मदद करेगा l

    धन्यवाद

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Thank you for reading and commenting.